Showing posts from November, 2021
वो रू-ब-रू होकर मेरा एक ख्वाब बन गया वो जिंदगी का एक अधूरा हिस्सा बन गया वो बहते अश्कों की एक वजह बन गया वो आज भी इन निगाहों का इंतजार बन गया वो रु-ब-रू होकर एक सच्चा मज़ाक बन गया वो खुदा का सबसे खुबसूरत सबक बन गया वो एक ज़ख्म…
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाँय । बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय॥ Guru Govind Dou Khade, Kaake Laagoon Paany Balihari Guru Aapne, Govind Diyo Milaay भावार्थ: कबीर दास जी इस दोहे में कहते हैं कि अगर हमारे सामने गुरु और…